उत्तर तक पहुँचने से पहले यह जानना आवश्यक है कि हम शेयरों पर अल्पावधि के मूव को लेकर शोध कर रहे हैं या फिर दीर्घकालीन मूव को ध्यान में रखकर।
क्योंकि दोनो ही चीजो के लिए शोध करने का तरीका अलग-अलग है।
चलिये मैं यहां दीर्घावधि के मूव को ध्यान में रखकर शोध का तरीका आपके साथ रखता हूँ।
दीर्घकालीन शोध के लिए दो तरीके का इस्तेमाल किया जाता है।
1)टॉप डाउन अप्प्रोच:
इस प्रकार के शोध में एक रिसर्चर थीम आधारित निवेश की ओर जाता है। जहां वह सबसे ग्लोबल स्टडी के आधार पर यह तय करने का प्रयास करता है कि आनेवला समय किसका है या फिर किस सेक्टर को आनेवाला समय बूस्ट कर सकता है।
फिर वह ग्लोबल कारकों से एक कदम नीचे आता है और फिर यह समझने का प्रयास करता है कि उसके चुने थीम को लेकर अपने देश का रुख किस प्रकार का है और आगे किस प्रकार का रह सकता है।
फिर वहां से एक स्टेप नीचे आते हुए उस चुने थीम से जुड़े सेक्टर पर ध्यान दिया जाता है और फिर उस सेक्टर के अंदर के स्टॉक में तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। जिसे बाजार के भाषा मे पियर अनालीसिस कहते हैं।
2)बॉटम अप अप्प्रोच:
बॉटम अप शोध का तरीका टॉप to बॉटम से सीधे उलट होता है। यहां शुरुआत स्टॉक से किया जाता है। फिर पियर अनालीसिस फिर सरकार और पॉलिसी का रुख और आखिरी में ग्लोबल कारकों पर।
दोनो ही शोध का तरीका है और व्यक्ति अपने कम्फर्ट के अनुसार किसी एक का चयन करते हैं।
दोनो ही तरीका अपने जगह बेस्ट ही है। यदि मेरे से पूछें तो मुझे व्यक़्क्तिगत रूप से टॉप to बॉटम अनालीसिस ज्यादे अच्छा लगता है।
उम्मीद है पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगा।
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