शेयर बाजार की तेजी और गिरावट को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से स्पष्ट एवं सटीकता से कौन-कौन से यथार्थ संकेतों से समझा जा सकता है? विस्तार पूर्वक समझाइए।

 ऐसे तो बढ़त और गिरावट को प्रभावित करने वाले कई संकेत है। सभी को एक पोस्ट के अंदर समझाना काफी मुश्किल है क्योंकि ये ऐसी चीजें है जिसपर पूरी किताब लिखी जा सके।

अतः एक हालिया उदाहरण से ही समझाता हूँ।

यदि आप बाजार से जुड़े हैं तो मुझे यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि बाजार 30 June से लगातार गिरावट पर गिरावट दिखाया जा रहा है।

पीछे कई वजह है।

जैसे:

बाजार का overvalued होना।

ट्रम्प के पॉलिसी में अग्रेसिव बदलाव।

इंटरेस्ट रेट में कोई परिवर्तन नहीं।

इन सबके बीच FED का रुख देखते हुए निवेशकों ने ग्लोबल सुस्ती का अनुमान लगा लिया। ये सब कारक बाजार को अच्छे से तोड़ कर रख दिया।

लेकिन इन सबके बीच यूरोप के भारतीय GDP में बढ़ोतरी की उम्मीद, powell द्वारा कही बात की अभी बाजार में सुस्ती जैसा कुछ नहीं है को निवेशक ने पॉजिटिव लिया।

ऐसे ही कई सारे घटक हैं जो बाजार को प्रभावित करते हैं और इनका विश्लेषण एक सही ट्रेंड को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

जैसे:

1)सरकारी नीतियां:

सरकार द्वारा अलग-अलग पहलुओं पर बनाये जाने वाली नीति निश्चित रूप से शेयर बाजार को प्रभावित करता है। जैसे:

यदि कॉर्पोरेट टैक्स को घटाया जाय तो बाजार इसे पॉजिटिव लेता है और शेयर के मूल्य में भी वृद्धि देखने को मिलता है।

2)करेंसी में मजबूती या कमजोरी:

यह भी बाजार को प्रभावित करता है। खासकर ऐसी कंपनी को जो विदेशी निर्यात पर निर्भर करता है।

3)ब्याज दर:

इंट्रेस्ट डर में बढ़ोतरी या कमी भी बाजार को काफी प्रभावित करता है।

सभी के विश्लेषण का एक चैन है। जैसे: ब्याज दर बढ़ा तो बैंक उधार दर बढ़ेगा। इससे कॉर्पोरेट और व्यक्ति द्वारा लागत में वृद्धि होता है। बढ़ती लागत कंपनी के स्टॉक को प्रभावित करता है और इन्ही सारी चीजो को देखकर उस समय बाजार में निवेशक का रुख भी बदलता है।

और भी कई कारक हैं।।

जैसे:

4)राजनीति: यह भी बाजार को प्रभावित करता है। जैसे मान लेते हैं वर्तमान में मोदी जी सरकार में हैं तो पॉलिसीस उनके अनुसार चलता है। वहीं यदि सरकार बदल जाये तो।पॉलिसी में भी फेरबदल बाजार को प्रभावित करेगा।

5)FII/DII:इनके द्वारा बने बड़े पोजीशन भी बाजार को रुख देते हैं।

6)दैवीय आपदा/मानवकृत आपदा:

जैसे कोविड ने बाजार को किस प्रकार प्रभावित किया था ये बताने की आवश्यकता तो है नहीं आज के निवेशक को।

7)RBI पॉलिसी: RBI के फैसले का भी बाजार पर बहुत व्यापक असर पड़ता है।

8)सेबी की नीति:

एक्सचेंज बोर्ड के नीति में बदलाव का असर भी बाजार पर साफ देखा जा सकता है।

ऐसे ही कुछ कारक हैं जो बाजार को वृहद रूप से प्रभावित करते हैं।

उम्मीद है आपको समुचित उत्तर मिला होगा

Post a Comment

0 Comments