क्या खुदरा निवेशकों के लिए FII की बिकवाली चिंता का विषय है?

 अगर बात चिंता की है तो FII की बिकवाली न सिर्फ खुदरा निवेशक के लिए बल्कि कुछ बड़े प्लेयर के लिए भी चिंता का विषय अवश्य है।

जैसे,

हालिया खबर से तो आप अपडेट अवश्य होंगे जो Jane Street को लेकर है।इस FII ने बाजार में जमकर पम्प डंप किया था। जिसकी वजह से सेबी ने इसे ट्रेडिंग को ससपेंड कर दिया। हालांकि इस टॉपिक के डीप में जाना पड़ेगा जोकि प्रश्न नहीं है। क्योंकि इस पूरे टॉपिक को समझने के लिए आपको हेजिंग कॉस्ट को समझना होगा।

वहीं कई इस बिकवाली में कई बड़े प्लेयर की पोर्टफोलियो भी नीचे ट्रेड कर रहा है। इसलिए निःसन्देह यह चिंता का विषय है।

लेकिन इन सबसे हटकर अगर कुछ कहूँ तो खुदरा निवेशक के दुःखतिरत पर हाथ पड़ जाएगा। चलिए फिर भी पूछे हैं तो उत्तर अवश्य देंगे।

खुदरा निवेशक को खुशी तो तब भी न था जब FII खरीदारी कर रहा था और बाजार लगातार हाई पर हाई बना रहा था।

तो फिर FII के बिकवाली से उन्हें भला क्या फर्क पड़ने वाला है।

ऐसा इसलिए मैं कह रहा हूँ क्योंकि प्रॉफिट नुकसान के आंकड़े तब भी वैसे ही थे जैसे अब हैं। तब भी 10 में से 9 खुदरा निवेशक बाजार में नुकसान कर रहे थे जब बाजार में FII लगातार पैसे लगा रहे थे और अब भी रिजल्ट वैसा ही है जब FII लगातार बाजार से पैसे निकाल रहे हैं।

इस गिरावट में अधिकांश खुदरा निवेशक को यदि आप FII, DII, Prop इत्यादि के बारे में पूछेंगे तो उनका उत्तर बस इतना होगा कि बड़े प्लेयर ने बाजार को डूबा दिया।

ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास बस वही जानकारी है जो सुबह अखबार खोलते या फिर फाइनेंसियल वेबसाइट ओपन करते दिख जाता है।

इससे ज्यादे जानकारी उनके पास न आता है क्योंकि ये इकठा करने में उनकी कोई रुचि ही नहीं है।

वो कल भी जब FII जमकर खरीदारी कर रहा था तब भी शेयर सिर्फ ब्रांड का नाम देखकर खरीद रहे थे और आज भी जब FII बिकवाली कर रहा है तो खरीदने वाला अभी भी सिर्फ ब्रांड नाम देखकर खरीद ही रहे हैं।

इसलिए एक खुदरा निवेशक के लिए FII की बिकवाली या खरीदारी चिंता का विषय अवश्य है लेकिन उससे भी बड़ी चिंता का विषय बाजार में अज्ञानता को मान सकते हैं। जिसकी वजह से वह बेहतर प्रबंधन कर पाने में असफल हो जाते हैं और ऐसी गिरावट उन्हें अधिक चोट पहुँचाता है।।

उम्मीद है पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगा।

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